Wednesday, February 24, 2010

Three Poems

भर रहे हो तुम,
मेरे भीतर ,
खालीपन बनकर.




 तुम्हारे और मेरे बीच
अब बस मैं का फासला है




मर रहा हूँ मैं
पल पल
जीवन कि तरह

बस एक फर्क है
के जीवन ज़िंदा है

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