Sunday, June 01, 2008

Light Swan



गगन मंडल मे हंसा डोले
सोऽहं सोऽहं पंख पखारे
इक ओंकार की सब धुनें हैं
जगत के बन्धन तोड़ चला मैं ... गगन मंडल मे हंसा डोले

त्रिये नैन, अब भेद उडे हैं
तोड़ के जनम मरण के ताले
ब्रह्मानंद सहोदर सुनके
अनहद अनहद वाणी बोले ...गगन मंडल मे हंसा डोले
--By Shivraaj

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