Thursday, June 19, 2008

jeevan

जीवन पल पल मर रहा है
फिर भी कल कल की आशा ले कर जिंदा है
सोचता है पल पल
वो कल आयेगा
जब वो जीवन में जी पायेगा
इस आशा में जीवन, जीवन को घूँट जाता है
क्यों जीवन आख़िर, जीना चाहता है ?

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