Tuesday, September 12, 2006

kamaal -- ashiq hoke sona kya

समझ बूझ दिल खोज पियारे, आशक होकर सोना क्या?
जिन नैनों से नींद गंवाई, तकिया लेफ बिछौना कया ? ।।१।।
रूखा सूखा राम का टुकड़ा, चिंकना और सलोना क्या ? ।।२।
कहत कमाल प्रेम के मारग, सीस दिया फिर रोना क्या ? ।।३।।

kamaal was son of kabir

No comments: