Sunday, April 09, 2006

bhavayami gopalbalam

an immortal stuti by annamacharya
Kirtanam :

भावयामि गोपाल बालम् मनसेवितम
तत पदम चिन्त्येयम सदा
कटी घटीत मेघला खचित मणी घण्टिका
पटल निन देन विभ्राजमानं
कुटिल पद घटित संकुल सिंजितेन तम
चटुल नटना समुज्ज्वल विलासम

निरत कर कलिता नवनीतम ब्रह्मादि
सुर निरकर भावना शोभित पदम
तिरुवेंकटा चल स्थ्तिम अनुपमम् हरिम्
परमा पुरुषम गोपलबालम

- श्री अन्नामचार्य

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