क्या पाया ,
पाकर विद्या
देख कर पृथ्वी
जान कर अज्ञात को
क्या पाया ?
क्या पाया
ध्यान की गहरी अवस्था में
चेतना के उच्च शिखरों पर
अनुभूतियों में, अध्यात्मिक
क्या पाया ?
पाया क्या
सुखद-अनुभव इच्छा में
दुखद-अनुभव अनिच्छा में
अनुभव परित्याग में भी
क्या पाया ?
हुआ क्या, करके अनुभव ?
सब अनुभव, अनुभव ही रह गए
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