Thursday, July 20, 2006

Vinya Patrika -- Madhav Moh Phaans kyon toote

while tulasi is better known for his ramcharitmanas
and probably even better for hanuman chalisa :)
one of his best creation in my opinion is Vinay Patrika (विनयपत्रिका)
this is beautiful eulogy from Vinay Patrika ! a saintly self analysis --typical of saint from bhakti movement


माधव! मोह-फाँस क्यों टूटै ।
बाहिर कोटि उपाय करिय, अभ्यंतर ग्रन्थि न छूटै ॥ १ ॥

घृतपूरन कराह अंतरगत ससि-प्रतिबिंब दिखावै ।
ईंधन अनल लगाय कलपसत, औटत नास न पावै ॥ २ ॥

तरु-कोटर महँ बस बिहंग तरु काटे मरै न जैसे ।
साधन करिय बिचार-हीन मन सुद्ध होइ नहिं तैसे ॥ ३ ॥

अंतर मलिन बिषय मन अति, तन पावन करिय पखारे ।
मरइ न उरग अनेक जतन बलमीकि बिबिध बिधि मारे ॥ ४ ॥

तुलसिदास हरि-गुरु-करुना बिनु बिमल बिबेक न होई ।
बिनु बिबेक संसार-घोर-निधि पार न पावै कोई ॥ ५ ॥

1 comment:

Anonymous said...

Jai shri ram