Sunday, January 03, 2010

थकी हुई नदी - tired river

थकी हुई नदी:

कितना नदी और बहे?
कि वो सागर से मिले?

नदी भी सोचती है कभी कभी
कि क्यों निकल पड़ी
खाने ठोकर पत्थरों की
जंगलों की

क्यों निकल पड़ी आखिर
मार्गहीन पथ पर?
थक गयी है अब नदी.

क्यों धर्म नदी का नदी को?
सागर ओर ले जाता है
सागर नहीं क्यों खुद ही बढ़कर?
निकट नदी के आता है ?

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